रायपुर । राज्य की साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपरा को अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने के संस्थान को पुनर्गठित करते हुए उसे राज्य भर में विस्तारित किया जा रहा है। पुनर्गठित समिति में श्री विश्वरंजन को फिर से अध्यक्ष और डॉ. सुशील त्रिवेदी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है। इसी तरह अलावा डॉ. सुधीर सक्सेना, डॉ. बलदेव, अनिल विभाकर, श्री अशोक सिंघई रवि श्रीवास्तव, एच. एस. ठाकुर को उपाध्यक्ष बनाया गया है । मुमताज, डॉ. सुधीर शर्मा व विनोद मिश्र को महासचिव, सुरेंद्र वर्मा सचिव, राजेश सोंथालिया को कोषाध्यक्ष, श्री नासिर अहमद सिंकदर, बी. एल. पाल श्री कमलेश्वर साहू, जी. एस. अहलूवालिया, संजीव ठाकुर को संगठन सचिव, डॉ. जे. आर. सोनी व दीपांशु पाल को संयुक्त सचिव, राम पटवा कार्यालय सचिव, तपेश जैन व नगेंद्र दुबे प्रचार सचिव व जयप्रकाश मानस को पूर्व की तरह कार्यकारी निदेशक बनाया गया है । इसके अलावा नंदकिशोर तिवारी, रमेश अनुपम, डॉ. चित्तरंजन कर, डॉ. वंदना केंगरानी, सुरेश पंडा, डॉ. चेतन भारती, सुशील अग्रवाल, रीना अधिकारी, प्रभा सरस, विद्या गुप्ता, अरुणा चौहान, आर. के. सिंह सदस्य बनाये गये हैं ।
टैगोर, फ़ैज़, केदारनाथ अग्रवाल व नेपाली पर राष्ट्रीय आयोजन
प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान इस वर्ष राज्य भर में कई महत्वपूर्ण और राष्ट्रीय आयोजन करेगा । जिसमें फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, केदार नाथ अग्रवाल, नेपाली की जन्म शताब्दी सहित विश्वकवि रवीन्द्र नाथ टैगोर की 150 जन्म वर्ष के अवसर पर क्रमशः भिलाई, कोरबा, रायगढ़ में राष्ट्रीय स्तर का आयोजन करेगा । विगत दिनों संस्थान की साधारण सभा और कार्यकारिणी की हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि 14-15 मई, 2011 को भिलाई में फ़ैज़ और केदारनाथ अग्रवाल की जन्म-शताब्दी अवसर पर अंतरराष्ट्रीय आयोजन होगा जिसमें पाकिस्तान से फ़ैज साहब की बेटी के अलावा कई पाकिस्तान और देश भर के वरिष्ठ बुद्धिजीवी भाग लेंगे । उक्त अवसर पर शायर मुमताज का ग़ज़ल संग्रह, कथाकार विनोद मिश्र द्वारा संपादित छत्तीसगढ़ के कथाकारों का संकलन, कवि रवि श्रीवास्तव की कविता संग्रह, चित्रकार सुनीता वर्मा का रेखाचित्र संग्रह, जयप्रकाश मानस द्वारा संपादित कविता संग्रह विहंग, छतीसगढ़ के समकालीन हिन्दी कवियों का कविता संग्रह, आलोचनात्मक कृति साहित्य की सदाशयता, विश्वरंजन द्वारा संपादित फ़ैज़ और केदारनाथ अग्रवाल एकाग्र, मधुरेश तथा श्रीभगवान सिंह पर केंदित दो एकाग्र डॉ. बलदेव द्वारा संपादित छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह आदि सहित पत्रिका पाण्डुलिपि के चौंथे अंक विमोचन भी होगा । बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि छत्तीसगढ़ी भाषा के विद्वान लेखक दयाशंकर शुक्ल की कृति का पुनर्प्रकाशन भी किया जायेगा ।

इसके अलावा रायपुर में ख्यात कवि, संपादक-समावर्तन, निरंजन श्रोत्रिय, उज्जैन का कविता पर केंद्रित व्याख्यान 15 अप्रैल, कोरबा में 28-29 मई, 2011 को कविता पर अभिकेंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श और युवा रचना शिविर, 23-24 जुलाई 2011 को संस्थान का वार्षिक आयोजन, रायपुर में 2 अक्टूबर, गांधी जयंती-अहिंसा दिवस पर ‘गांधी की रचनात्मकता’ विषय पर व्याख्यान, रायगढ़ में 29-30 अक्टूबर 2011 को टैगौर की 150 वीं जन्म वर्ष व नेपाली की जन्मशती वर्ष पर दो दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श, विश्वप्रसिद्ध शायर फ़िराक़ गोरखपुरी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्मरण आयोजन 17-18 दिसंबर को किया जायेगा ।
युवा कविता को प्रोत्साहित करने राष्ट्रीय पुरस्कार
अब तक संस्थान द्वारा आलोचना के क्षेत्र में 2 राष्ट्रीय पुरस्कार एवं एक राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान दिया जा रहा था । नये निर्णायानुसार प्रत्येक वर्ष 40 साल के कम उम्र के एक ऐसे युवा कवि को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोद वर्मा स्मृति सम्मान दिया जायेगा जिसने वर्ष भर की कविताओं में अपने नवाचारी प्रयोग से हिन्दी कविता संसार को नयी दृष्टि देने का प्रयास किया हो । चयनित युवा कवि को 5001 रुपये का नगद पुरस्कार सहित उनकी किसी काव्य-कृति का प्रकाशन भी संस्थान के सहयोग से किया जायेगा ।
अनाथ बच्चों के हॉस्टल निर्माण के लिए राहत फतेह अली का चैरिटी शो
संस्थान द्वारा से अक्टूबर माह में सामाजिक भूमिका के तहत गरीब, अनाथ, नक्सली हिंसा में मारे गये पिता के आश्रित बच्चों (कुल 50 विद्यार्थियों) की उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए रायपुर में एक होस्टल निर्माण में के लिए चैरिटी शो का आयोजन किया जायेगा जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित गायक राहत फतेह अली (पाकिस्तान), सुप्रसिद्ध शायर जावेद अख्तर(मुंबई), छोटे उस्ताद जयंत सिंह (पूना) जैसे कलाकारों द्वारा सांगीतिक प्रस्तुति दी जायेगी । इसके अलावा राज्य भर के रचनाकारों के रायपुर प्रवास पर रात्रि विश्राम सहित साहित्यिक गतिविधियों के संचालन के लिए प्रमोद वर्मा स्मृति हिन्दी भवन भी बनाया जायेगा ।

बैठक के अंत में देश के ख्यात आलोचक, प्रगतिशील वसुधा के संपादक व शिक्षाविद् डॉ. कमला प्रसाद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।  

(रायपुर से राम पटवा की रपट)
 
 
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